हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार, क़म अलमुक़द्देसा में केंद्र फिक़ही इमाम ए अत्हार अ.स.द्वारा आयोजित "फिक़ह ए मुकावमत" कांफ्रेंस में आयतुल्लाह मोहम्मद जवाद फाज़िल लंकरानी ने महत्वपूर्ण भाषण दिया जिसमें उन्होंने जिहाद और मुक़ाबला की फिक़ही हैसियत और आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
उन्होंने सैयद हसन नसरुल्लाह की शख्सियत पर बात करते हुए उन्हें शहीद हुए उलमा का फ़ख्र बताया और कहा कि वह सभी उलमा ए दीन और छात्रों के लिए एक आदर्श हैं उन्होंने हौज़ा इल्मिया से भी संबोधित होते हुए कहा कि वह मुक़ाबला के उसूलों को मज़बूत करने में अपनी भूमिका अदा करें।
आयतुल्लाह फाज़िल लंकरानी ने फिक़ह में जिहाद की तीन श्रेणियों की व्याख्या की उनके अनुसार, जिहाद इबतिदाई का उद्देश्य गैरमुसलमानों को इस्लाम का निमंत्रण देना है, जिहाद दिफ़ाई इस्लाम की रक्षा और भूमि की सुरक्षा के लिए आवश्यक है जबकि जिहाद ज़बी दुश्मन के ज़ुल्म के खिलाफ युद्ध को अनिवार्य मानता है।
जामेआ मदरसेन हौज़ा इल्मिया क़ुम के सदस्य ने कहा कि जिहाद और मुक़ाबला की शिक्षाएँ सभी आस्थायी किताबों में मौजूद हैं और कुरआन में इनके आदेश नमाज़ और ज़कात से भी अधिक बार आए हैं।
उन्होंने दिफ़ा ए मक़द्दस और दिफ़ा हर्म की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि इन अनुभवों से प्राप्त पाठों को छात्रों और जनता तक पहुँचाना ज़रूरी है ताकि हिज़्बुल्लाह और फ़िलस्तीनी जनता की मुक़ाबला की महत्ता स्पष्ट हो।
आयतुल्लाह फाज़िल ने इस्लाम के दुश्मनों को अतीत के मुश्रिकों से भी बड़ा ख़तरा बताते हुए कहा कि आयतुल्लाह फाज़िल लंकरानी (र.ह.) ने सबसे पहले फिलिस्तीन के लिए सहम इमाम का प्रयोग करने की अनुमति दी थी।
आयतुल्लाह फाज़िल ने कहा कि धर्म की रक्षा अनिवार्य है और इमाम हुसैन अ.स.ने धर्म की रक्षा के लिए अपनी जान दी हर मुसलमान को धर्म की रक्षा के लिए प्रयास करना चाहिए।
आयतुल्लाह फाज़िल ने कहा कि जिहाद ज़बी तब अनिवार्य होता है जब इस्लाम या मुसलमानों की ज़मीन को ख़तरा हो इस प्रकार ऐसे हालात में दुश्मन के ज़ुल्म के खिलाफ यह जिहाद अनिवार्य ठहरता है।
आयतुल्लाह फाज़िल ने धर्म में क़ाइदा लाहर की व्याख्या करते हुए कहा कि जिहाद में आने वाली कठिनाइयों के बावजूद धर्म की रक्षा के लिए जिहाद का वजूद समाप्त नहीं होता जिहाद में आने वाली कठिनाइयों के बावजूद, इसका पुरस्कार दुनिया और आख़िरत में अत्यधिक है, और यह धर्म की रक्षा के लिए एक आवश्यक प्रक्रिया है।
आयतुल्लाह फाज़िल ने कहा कि मुक़ाबला धर्म की रक्षा के लिए आवश्यक है और इस्राईल इस्लाम के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
आयतुल्लाह फाज़िल लंकरानी ने अपने भाषण में जिहाद और मुक़ाबला की महत्ता को उजागर किया और इसे इस्लाम और मुसलमानों की रक्षा के लिए अनिवार्य ठहराया।